Wednesday 1 February 2017

बजट 2017: आज फैसले की घड़ी, पहली बार एक साथ पेश होगा रेल और आम बजट

आज फैसले की घड़ी है। पूरे देश की नजर वित्त मंत्री अरुण जेटली के पिटारे पर टिकी है। उम्मीदें हैं कि वित्त मंत्री बजट में ऐसे एलान करेंगे जिससे हम सब के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी। बजट से पहले हम आपको दे रहे हैं कुछ ऐसी एक्सक्लूसिव जानकारी जिसका एलान आज बजट में हो सकता है।
budget-2017
टैक्स और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी एक्सक्लूसिव खबर लेकर हमारे साथ जुड़े हैं ब्यूरो चीफ लक्ष्मण रॉय, बाजार को वित्त मंत्री से क्या सौगात मिल सकती है ये जानेंगे मार्केट एडिटर अनिल सिंघवी से। कृषि क्षेत्र की हालत सुधारने के लिए क्या बड़े बदलाव होंगे ये बताएंगे हमारे सहयोगी रोहन सिंह, इंडस्ट्री और डिजिटल दुनिया को क्या मिलेगा ये बताएंगे हमारे सहयोगी प्रतीक श्रीवास्तव और रेल बजट जो इस बार आम बजट के साथ पहली बार पेश होने वाला है उसके लिए क्या अहम एलान होंगे ये रेल भवन से बताएंगी हमारी संवाददाता दीपाली नंदा।

वित्त मंत्री के पिटारे में आम आदमी के लिए क्या होगा। इस बार बजट में टैक्स छूट बढ़ाने पर विचार हो सकता है, लेकिन टैक्स स्लैब की निचली सीमा में बदलाव नहीं होगा। आईटी एक्ट के सेक्शन 87ए में छूट का दायरा बढ़ेगा। होम लोन ब्याज पर इनकम टैक्स छूट बढ़ेगी और 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मुमकिन है। हालांकि आम आदमी के लिए कुछ दिक्कतें भी सामने आने की आशंका है। जैसे कि लिमिट से ज्यादा नकद निकालने पर टैक्स लगाने का एलान हो सकता है। जीएसटी लाने की तैयारी में सर्विस टैक्स में बढ़त संभव है। एक्साइज ड्यूटी में मामूली फेरबदल किया जा सकता है।

रेल बजट में क्या एलान हो सकते हैं। रेल बजट को लेकर लोकलुभावन घोषणाओं की संभावना नहीं है और नई ट्रेनों के एलान के आसार कम हैं। रेलवे के लिए सुरक्षा और रेल की गति बढ़ाने पर फोकस होगा। रेलवे में निवेश को बढ़ावा देने पर जोर होगा। राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष का एलान हो सकता है और राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष 5 साल के लिए होगा। रेलवे के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपये के फंड का एलान संभव है। पहली किस्त में 15000-20000 करोड़ रुपये का एलान मुमकिन है। साथ ही भीड़-भाड़ वाले रूट पर ट्रेनों की गति बढ़ाई जा सकती है।

बाजार को क्या मिल सकता है, फिस्कल डेफिसिट के आंकड़े पर बाजार की नजर होगी। बाजार में एसटीटी खत्म हो सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स बढ़ सकता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 1 साल से बढ़ाकर 2 या 3 साल हो सकता है। राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में बदलाव संभव है। निवेशकों की सालाना आय की सीमा बढ़ सकती है। 50000 रुपये की मौजूदा सीमा बढ़ाई जा सकती है।

रूरल इंडिया यानी ग्रामीण और गरीब भारत के लिए वित्तमंत्री के ब्रीफकेस में क्या होगा। मनरेगा के बजट में 10 फीसदी तक बढ़ोतरी संभव है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बजट बढ़ सकता है। फसल बीमा, सॉइल हेल्थ कार्ड और इनाम पर फोकस रहेगा। डीप वाटर फिशिंग पर नई स्कीम का एलान संभव है। माइक्रो इरिगेशन पर जोर रहेगा। पर ड्रॉप, मोर क्रॉप का बजट 3050 करोड़ रुपये हो सकता है। किसानों की कर्ज माफी पर भी एलान संभव है। गांवों में फ्री वाई-फाई का एलान संभव है।

इंडस्ट्री के लिए क्या बड़े एलान हो सकते हैं, क्या कोई बूस्टर डोज मिलेगा। बजट में इंडस्ट्री के लिहाज से रोजगार बढ़ाने पर सरकार का जोर होगा। रोजगार देने वाले टेक्सटाइल और लेदर सेक्टर को राहत संभव है। समुद्री सीमाओं पर इंडस्ट्री के लिए कोस्टल इकोनॉमिक जोन का एलान संभव है। कोस्टल इकोनॉमिक जोन को 10 साल तक टैक्स में छूट संभव है। सस्ते मोबाइल फोन बनाने पर सब्सिडी का एलान मुमकिन है। एक्सपोर्टर्स के लिए ब्याज दर वापसी की स्कीम जारी रखी जा सकती है। स्टार्टअप्स के लिए टैक्स छूट की अवधि बढ़ सकती है। डिजिटल पेमेंट करने पर इंसेंटिव का एलान हो सकता है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए रियायतों की घोषणा हो सकती है।

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