सरकार जीएसटी के मामले में बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। दरअसल आज अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक है। ये बैठक काफी अहम है, इसमें हर 3 महीने पर रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था शुरू करने पर विचार होगा। ये सुविधा सालाना 20 लाख टर्नओवर वाले कारोबारियों को मिल सकती है। फिलहाल हर महीने रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है। साथ ही कई आइटम पर टैक्स दरें भी घटाई जा सकती है। एक्सपोर्टस के लिए रिफंड के नए नियम को मंजूरी मिलने की संभावना है।
20 लाख तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए सरल रिटर्न फॉर्म की व्यवस्था की जा सकती है। वहीं बड़े, कारोबारियों को पहले की तरह हर महीने रिटर्न फाइल करने का नियम जारी रह सकता है। एक्सपोर्टर्स को रिफंड तुरंत दिए जाने के लिए नियम में बदलाव किया जा सकता है जिसके तहत शुरुआती रिटर्न (फॉर्म 3 बी) फाइल करने के तुरंत बाद रिफंड मिलने का प्रावधान हो सकता है। नए नियमों के तहत रिफंड के लिए कच्चे माल औऱ दूसरी खरीद की जानकारी देने तक इंतजार नहीं करना होगा। जीएसटी नेटवर्क की मौजूदा व्यवस्था में भी जरूरी बदलाव मुमकिन है। सरकारी योजना में कॉन्ट्रैक्ट लेबर पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है। इसके अलावा टेक्सटाइल, प्लाइवुड सहित 70 सेक्टरों में दरों में कटौती भी संभव है।
20 लाख तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए सरल रिटर्न फॉर्म की व्यवस्था की जा सकती है। वहीं बड़े, कारोबारियों को पहले की तरह हर महीने रिटर्न फाइल करने का नियम जारी रह सकता है। एक्सपोर्टर्स को रिफंड तुरंत दिए जाने के लिए नियम में बदलाव किया जा सकता है जिसके तहत शुरुआती रिटर्न (फॉर्म 3 बी) फाइल करने के तुरंत बाद रिफंड मिलने का प्रावधान हो सकता है। नए नियमों के तहत रिफंड के लिए कच्चे माल औऱ दूसरी खरीद की जानकारी देने तक इंतजार नहीं करना होगा। जीएसटी नेटवर्क की मौजूदा व्यवस्था में भी जरूरी बदलाव मुमकिन है। सरकारी योजना में कॉन्ट्रैक्ट लेबर पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है। इसके अलावा टेक्सटाइल, प्लाइवुड सहित 70 सेक्टरों में दरों में कटौती भी संभव है।
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