नोटबंदी के बाद ग्रोथ में तेज गिरावट की आशंका को सरकार ने खारिज कर
दिया है। वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी ग्रोथ 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
वहीं वित्त वर्ष 2016 में जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी रही थी। वित्त वर्ष 2017
में जीवीए ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में जीवीए
ग्रोथ 7.2 फीसदी रही थी। जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कारोबारी साल के पहले 7
महीने के औद्योगिक उत्पादन के आधार पर लगाया गया है, यानि नोटबंदी के असर
को इसमें शामिल नहीं किया गया है। वित्त वर्ष 2017 में प्रति व्यक्ति आय
में 5.6 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में प्रति व्यक्ति
आय की ग्रोथ 6.2 फीसदी रही थी।
वित्त वर्ष 2017 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -1.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 7.4 फीसदी रही थी।
वित्त वर्ष 2017 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 9.3 फीसदी रही थी।
वित्त वर्ष 2017 में सर्विसेस सेक्टर की ग्रोथ 8.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में सर्विसेस सेक्टर की ग्रोथ 8.9 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में इंडस्ट्रीज की ग्रोथ 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में इंडस्ट्रीज की ग्रोथ 7.4 फीसदी रही थी।
वित्त वर्ष 2017 में इलेक्ट्रिसिटी, गैस और वॉटर की ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में इलेक्ट्रिसिटी, गैस और वॉटर की ग्रोथ 6.6 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में ट्रेड, होटल्स और ट्रांसपोर्ट की ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में ट्रेड, होटल्स और ट्रांसपोर्ट की ग्रोथ 9 फीसदी रही थी।
चीफ स्टैटेस्टिशियन टी सी एस अनंत ने कहा है कि नोटबंदी से इकोनॉमी को कोई बड़ा झटका लगेगा इसकी उम्मीद कम ही है। जो आंकड़ें हमने पेश किए हैं वो स्थाई हैं और किसी भी बड़े बदलाव की उम्मीद कम है।
हालांकि इंडस्ट्री कह रही है कि नोटबंदी का ग्रोथ पर बुरा असर पड़ेगा। श्रेई इंफ्रा के चेयरमैन हेमंत कनोरिया का कहना है कि ग्रोथ पर नोटबंदी का असर देखने को मिलेगा। हालांकि, इसका सबसे ज्यादा असर प्राइवेट सेक्टर पर पड़ा है वहीं सरकारी प्रोजेक्ट में कम असर देखा गया है। केयर रेटिंग के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस का कहना है कि दूसरे तिमाही में इकोनॉमी में बदलाव देखने को मिलेगा। साथ ही उनका ये भी कहना है कि ग्रोथ 7.1 फीसदी से कम करीब 6.8 फीसदी तक रहेगी।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास ने जीडीपी के आंकड़ों पर कहा है कि नोटबंदी का असर कही सुनी बातें हैं। नोटबंदी का असर ज्यादातर अब तक आंकड़ों में नहीं है, और इससे कुछ अच्छे परिणाम भी मिले हैं।
वित्त वर्ष 2017 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -1.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 7.4 फीसदी रही थी।
वित्त वर्ष 2017 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 9.3 फीसदी रही थी।
वित्त वर्ष 2017 में सर्विसेस सेक्टर की ग्रोथ 8.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में सर्विसेस सेक्टर की ग्रोथ 8.9 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में इंडस्ट्रीज की ग्रोथ 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में इंडस्ट्रीज की ग्रोथ 7.4 फीसदी रही थी।
वित्त वर्ष 2017 में इलेक्ट्रिसिटी, गैस और वॉटर की ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में इलेक्ट्रिसिटी, गैस और वॉटर की ग्रोथ 6.6 फीसदी रही थी। वहीं, वित्त वर्ष 2017 में ट्रेड, होटल्स और ट्रांसपोर्ट की ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में ट्रेड, होटल्स और ट्रांसपोर्ट की ग्रोथ 9 फीसदी रही थी।
चीफ स्टैटेस्टिशियन टी सी एस अनंत ने कहा है कि नोटबंदी से इकोनॉमी को कोई बड़ा झटका लगेगा इसकी उम्मीद कम ही है। जो आंकड़ें हमने पेश किए हैं वो स्थाई हैं और किसी भी बड़े बदलाव की उम्मीद कम है।
हालांकि इंडस्ट्री कह रही है कि नोटबंदी का ग्रोथ पर बुरा असर पड़ेगा। श्रेई इंफ्रा के चेयरमैन हेमंत कनोरिया का कहना है कि ग्रोथ पर नोटबंदी का असर देखने को मिलेगा। हालांकि, इसका सबसे ज्यादा असर प्राइवेट सेक्टर पर पड़ा है वहीं सरकारी प्रोजेक्ट में कम असर देखा गया है। केयर रेटिंग के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस का कहना है कि दूसरे तिमाही में इकोनॉमी में बदलाव देखने को मिलेगा। साथ ही उनका ये भी कहना है कि ग्रोथ 7.1 फीसदी से कम करीब 6.8 फीसदी तक रहेगी।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास ने जीडीपी के आंकड़ों पर कहा है कि नोटबंदी का असर कही सुनी बातें हैं। नोटबंदी का असर ज्यादातर अब तक आंकड़ों में नहीं है, और इससे कुछ अच्छे परिणाम भी मिले हैं।
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