आज जीएसटी काउंसिल 7वीं बैठक खत्म हो गई। इसमें जीएसटी से जुड़े दो
ड्राफ्टों को भले ही मंजूरी मिल गई। लेकिन अब सरकार 1 अप्रैल 2017 को
जीएसटी लागू होते नहीं देख रही। सूत्रों की मानें तो अब सारे पक्ष 1 जुलाई
की नई तारीख को जीएसटी लागू होने की तारीख मान कर चल रहे हैं। आज की बैठक
के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को ब्रीफ किया।
जीएसटी काउंसिल ने मुआवजे से जुड़े बिल मंजूर कर दिया है। जिसके बाद काउंसिल में अब आईजीएसटी पर चर्चा होगी। हालांकि आज की बैठक में डुअल कंट्रोल पर पर फैसला नहीं हुआ है। वहीं जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 3-4 जनवरी को होगी और अगले बैठक में डुअल कंट्रोल पर चर्चा होनी है। जीएसटी पर जल्द सहमति बनने के आसार नजर नहीं आ रहे है।
वहीं सूत्रों की माने तो बिल को लेकर होनेवाली अगली बैठक में आईजीएसटी पर तकरार हो सकती है। इतना ही नहीं नोटबंदी के बाद राज्यों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की है। जिसमें 55 हजार करोड़ के बजाय 1 लाख करोड़ रुपये की मांगा की जा रही है। वहीं राज्य का कहना है कि नोटबंदी के बाद राजस्व में होगी भारी कमी हुई है। मुआवजे का आधार राजस्व की दर थी। कलेक्शन दर में 14 फीसदी से ज्यादा इजाफे पर मुआवजा नहीं था।
अरुण जेटली का कहना है कि आज के बैठक में जीएसटी की राह में बड़े फैसले हुए है। काउंसिल से सीजीएसटी और एसजीएसटी ड्राफ्ट मंजूरी मिली है और अब संसद में सीजीएसटी पेश होगा।
राज्यों की अब क्यां मांगे हैं, क्या आपत्तियां हैं ये जानने के लिए इस बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष अमित मित्रा ने सीएनबीसी-आवाज़ से बातचीत के दौरान कहा है कि तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया गया है और सेंट्रल जीएसटी में मुआवजे का मुद्दा नहीं सुलझा है। नोटबंदी से राज्यों का ग्रोथ प्रभावित होगा और नोटबंदी के बाद मुआवजे में बढ़ोतरी करनी होगी।
जीएसटी काउंसिल ने मुआवजे से जुड़े बिल मंजूर कर दिया है। जिसके बाद काउंसिल में अब आईजीएसटी पर चर्चा होगी। हालांकि आज की बैठक में डुअल कंट्रोल पर पर फैसला नहीं हुआ है। वहीं जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 3-4 जनवरी को होगी और अगले बैठक में डुअल कंट्रोल पर चर्चा होनी है। जीएसटी पर जल्द सहमति बनने के आसार नजर नहीं आ रहे है।
वहीं सूत्रों की माने तो बिल को लेकर होनेवाली अगली बैठक में आईजीएसटी पर तकरार हो सकती है। इतना ही नहीं नोटबंदी के बाद राज्यों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की है। जिसमें 55 हजार करोड़ के बजाय 1 लाख करोड़ रुपये की मांगा की जा रही है। वहीं राज्य का कहना है कि नोटबंदी के बाद राजस्व में होगी भारी कमी हुई है। मुआवजे का आधार राजस्व की दर थी। कलेक्शन दर में 14 फीसदी से ज्यादा इजाफे पर मुआवजा नहीं था।
अरुण जेटली का कहना है कि आज के बैठक में जीएसटी की राह में बड़े फैसले हुए है। काउंसिल से सीजीएसटी और एसजीएसटी ड्राफ्ट मंजूरी मिली है और अब संसद में सीजीएसटी पेश होगा।
राज्यों की अब क्यां मांगे हैं, क्या आपत्तियां हैं ये जानने के लिए इस बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष अमित मित्रा ने सीएनबीसी-आवाज़ से बातचीत के दौरान कहा है कि तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया गया है और सेंट्रल जीएसटी में मुआवजे का मुद्दा नहीं सुलझा है। नोटबंदी से राज्यों का ग्रोथ प्रभावित होगा और नोटबंदी के बाद मुआवजे में बढ़ोतरी करनी होगी।
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