जीएसटी लागू होने में सिर्फ 8 दिन बचे हैं। लेकिन जीएसटी को लेकर व्यापारियों के साथ ही आम आदमी के मन में भी काफी उलझनें हैं। इन्हीं उलझनों को दूर करने के लिए सीएनबीसी-आवाज़ ने बात की राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया से। छोटे व्यापारी क्या करें? इस सवाल पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि छोटे व्यापारी जीएसटी में रजिस्टर करें, वैट रजिस्टर हो तो जीएसटी में आएं। व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मेल पर मिलेगा।
हसमुख अढ़िया को जीएसटी के बाद इस साल इनडायरेक्ट टैक्स 10 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने ये भी कहा कि शुरुआती सीईएसएस कलेक्शन राज्यों के मुआवजे से कम हुआ तो सीईएसएस का दायरा बढ़ सकता है।
थोक व्यापारियों से जुड़े सवाल पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि थोक व्यापारी नियम के मुताबिक अकाउंट मेनटेन करें। बेचे गए माल का हिसाब रखें। खरीदार से जीएसटीएन नंबर ले लें। छोटी कंपनियां पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि छोटी कंपनियां जीएसटी में रजिस्टर करें भले ही टर्नओवर 20 लाख से कम हो। ई-कॉमर्स के वेंडरों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां सभी वेंडर्स को जीएसटी में रजिस्टर करने को कहें। सभी वेंडर जीएसटी में रजिस्टर जरूर हों।
प्रोडक्ट महंगा होने पर क्या करें? इस सवाल पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि प्रोडक्ट महंगा लगे तो दुकानदार से टैक्स का हिसाब पूछें। व्यापारी उन प्रोडक्ट के दाम कम करें जिन पर जीएसटी नहीं लगा है, ग्राहकों को टैक्स कम होने का फायदा मिलना चाहिए।
जीएसटी आने पर जम्मू कश्मीर से कैसे होगा कारोबार? इस सवाल पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि 20 से 75 लाख के टर्नओवर वाले को 1 फीसदी टैक्स देना होगा। 20 से 75 लाख के एसएमई को 2 फीसदी टैक्स देना होगा वहीं 75 लाख से ज्यादा टर्नओवर पर नियम के मुताबिक टैक्स लगेगा। जीएसटी लागू करने में देरी के कारण जम्मू-कश्मीर से कारोबार महंगा होगा, दोहरे टैक्स से कश्मीरी प्रोडक्ट के दाम बढ़ेंगे।
इनपुट क्रेडिट के नियम पर राजस्व सचिव ने कहा कि अगर कारोबारी ने पुराने स्टॉक पर वैट दिया है तो इनपुट क्रेडिट मिलेगा। एक्साइज टैक्स दिया है तो 100 फीसदी क्रेडिट मिलेगा। GST 18 फीसदी से ज्यादा हो और प्रूफ ना हो तो सीजीएसटी का 60 फीसदी डीम्ड क्रेडिट होगा वहीं अगर जीएसटी 18 फीसदी से कम हो और प्रूफ ना हो तो सीजीएसटी का 40 फीसदी डीम्ड क्रेडिट होगा।
हसमुख अढ़िया को जीएसटी के बाद इस साल इनडायरेक्ट टैक्स 10 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने ये भी कहा कि शुरुआती सीईएसएस कलेक्शन राज्यों के मुआवजे से कम हुआ तो सीईएसएस का दायरा बढ़ सकता है।
थोक व्यापारियों से जुड़े सवाल पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि थोक व्यापारी नियम के मुताबिक अकाउंट मेनटेन करें। बेचे गए माल का हिसाब रखें। खरीदार से जीएसटीएन नंबर ले लें। छोटी कंपनियां पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि छोटी कंपनियां जीएसटी में रजिस्टर करें भले ही टर्नओवर 20 लाख से कम हो। ई-कॉमर्स के वेंडरों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां सभी वेंडर्स को जीएसटी में रजिस्टर करने को कहें। सभी वेंडर जीएसटी में रजिस्टर जरूर हों।
प्रोडक्ट महंगा होने पर क्या करें? इस सवाल पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि प्रोडक्ट महंगा लगे तो दुकानदार से टैक्स का हिसाब पूछें। व्यापारी उन प्रोडक्ट के दाम कम करें जिन पर जीएसटी नहीं लगा है, ग्राहकों को टैक्स कम होने का फायदा मिलना चाहिए।
जीएसटी आने पर जम्मू कश्मीर से कैसे होगा कारोबार? इस सवाल पर हसमुख अढ़िया ने कहा कि 20 से 75 लाख के टर्नओवर वाले को 1 फीसदी टैक्स देना होगा। 20 से 75 लाख के एसएमई को 2 फीसदी टैक्स देना होगा वहीं 75 लाख से ज्यादा टर्नओवर पर नियम के मुताबिक टैक्स लगेगा। जीएसटी लागू करने में देरी के कारण जम्मू-कश्मीर से कारोबार महंगा होगा, दोहरे टैक्स से कश्मीरी प्रोडक्ट के दाम बढ़ेंगे।
इनपुट क्रेडिट के नियम पर राजस्व सचिव ने कहा कि अगर कारोबारी ने पुराने स्टॉक पर वैट दिया है तो इनपुट क्रेडिट मिलेगा। एक्साइज टैक्स दिया है तो 100 फीसदी क्रेडिट मिलेगा। GST 18 फीसदी से ज्यादा हो और प्रूफ ना हो तो सीजीएसटी का 60 फीसदी डीम्ड क्रेडिट होगा वहीं अगर जीएसटी 18 फीसदी से कम हो और प्रूफ ना हो तो सीजीएसटी का 40 फीसदी डीम्ड क्रेडिट होगा।
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