दुनियाभर में एक बार फिर साइबर हमला हुआ है और भारत भी इसका शिकार बना है। इस बार हमला करने वाले रैनसमवेयर का नाम है पेट्या। हैकर्स कंपनियों के कंप्यूटर लॉक कर 300 डॉलर की रकम बिटकॉइन के तौर पर मांग रहे हैं। आपको याद होगा कि महीने भर पहले ही वानाक्राई रैनसमवेयर ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। मंगलवार शाम भारत सहित ब्रिटेन, रूस फ्रांस, स्पेन जैसे यूरोपीय देशों में शिपिंग, एविएशन, ऑयल एंड गैस और कंज्यूमर कंपनियों को पेट्या ने अपना निशाना बनाया।
भारत में मुंबई का जवाहरलाल नेहरू पोर्ट इस हमले का शिकार हुआ। इस साइबर हमले के बाद मंगलवार रात जेएनपीटी के तीन में से एक टर्मिनल पर काम प्रभावित हुआ। हमले से जेएनपीटी पर गेटवे टर्मिनल्स इंडिया (जीटीआई) को ऑपरेट करने वाली एपी मोलर मर्स्क कंपनी का काम बिल्कुल ठप हो गया। यह कंपनी पोर्ट पर करीब दो करोड़ कंटेनर्स को हैंडल करती है।
इस साइबर हमले से यूक्रेन के सरकारी दफ्तरों में काम ठप हो गया। यूक्रेन में बिजली कंपनियों और बैंक पर भी हमला किया गया। रूस की तेल कंपनी रॉसनेफ्ट का काम भी प्रभावित हुआ। डेनमार्क की शिपिंग कंपनी मर्स्क के कंप्यूटर ठप हो गए। अमेरिका की दवा कंपनी मर्क भी हमले का शिकार हुई है। 2 महीने ये दूसरा बड़ा साइबर हमला है, इससे पहले रैनसमवेयर वानाक्राई ने आतंक मचाया था। वानाक्राई फैलाने वालों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
आखिर क्या है ये रैनसमवेयर, दरअसल ये एक तरह का कंप्यूटर मालवेयर है। रैनसमवेयर कंप्यूटर हैक कर लॉक कर देता है और कंप्यूटर अनलॉक के लिए फिरौती मांगी जाती है। लेकिन इस तरह के साइबर हमले से सुरक्षा के लिए नियमित रूप से सिस्टम बैकअप लें और लेटेस्ट एंटीवायरस का इस्तेमाल करें। साथ ही पायरेटेड सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से बचें।
वहीं इस बार हमला करने वाले रैनसमवेयर पेट्या के आने के 1 घंटे में कंप्यूटर रीबूट होगा, लेकिन रीबूट होते वक्त कंप्यूटर की पावर ऑफ कर दें। पावर ऑफ से फाइलें इंक्रिप्ट होने से बच सकती हैं। रीबूट होने पर फिरौती का मैसेज स्क्रीन पर आएगा, लेकिन फिरौती के मैसेज से घबराएं नहीं और फिरौती नहीं देनी है। कंप्यूटर का इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दें। कंप्यूटर को रीफॉर्मेट करें और रीफॉर्मेट के बाद बैकअप फाइल लोड करें।
भारत में मुंबई का जवाहरलाल नेहरू पोर्ट इस हमले का शिकार हुआ। इस साइबर हमले के बाद मंगलवार रात जेएनपीटी के तीन में से एक टर्मिनल पर काम प्रभावित हुआ। हमले से जेएनपीटी पर गेटवे टर्मिनल्स इंडिया (जीटीआई) को ऑपरेट करने वाली एपी मोलर मर्स्क कंपनी का काम बिल्कुल ठप हो गया। यह कंपनी पोर्ट पर करीब दो करोड़ कंटेनर्स को हैंडल करती है।
इस साइबर हमले से यूक्रेन के सरकारी दफ्तरों में काम ठप हो गया। यूक्रेन में बिजली कंपनियों और बैंक पर भी हमला किया गया। रूस की तेल कंपनी रॉसनेफ्ट का काम भी प्रभावित हुआ। डेनमार्क की शिपिंग कंपनी मर्स्क के कंप्यूटर ठप हो गए। अमेरिका की दवा कंपनी मर्क भी हमले का शिकार हुई है। 2 महीने ये दूसरा बड़ा साइबर हमला है, इससे पहले रैनसमवेयर वानाक्राई ने आतंक मचाया था। वानाक्राई फैलाने वालों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
आखिर क्या है ये रैनसमवेयर, दरअसल ये एक तरह का कंप्यूटर मालवेयर है। रैनसमवेयर कंप्यूटर हैक कर लॉक कर देता है और कंप्यूटर अनलॉक के लिए फिरौती मांगी जाती है। लेकिन इस तरह के साइबर हमले से सुरक्षा के लिए नियमित रूप से सिस्टम बैकअप लें और लेटेस्ट एंटीवायरस का इस्तेमाल करें। साथ ही पायरेटेड सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से बचें।
वहीं इस बार हमला करने वाले रैनसमवेयर पेट्या के आने के 1 घंटे में कंप्यूटर रीबूट होगा, लेकिन रीबूट होते वक्त कंप्यूटर की पावर ऑफ कर दें। पावर ऑफ से फाइलें इंक्रिप्ट होने से बच सकती हैं। रीबूट होने पर फिरौती का मैसेज स्क्रीन पर आएगा, लेकिन फिरौती के मैसेज से घबराएं नहीं और फिरौती नहीं देनी है। कंप्यूटर का इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दें। कंप्यूटर को रीफॉर्मेट करें और रीफॉर्मेट के बाद बैकअप फाइल लोड करें।
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