जैकपॉट शेयर, ऐसा शेयर जिसमें निवेश से आपको बंपर मुनाफा मिलेगा। जैकपॉट शेयर वो शेयर है जो लंबी अवधि में तो शानदार मुनाफा देते ही हैं, छोटी अवधि में भी निवेशकों को शानदार रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं। यानि, मजबूत फंडामेंटल वाले ऐसे शेयर जिसमें आगे अच्छी तेजी की उम्मीद है।
कंपनी का गठन 1946 में हुआ था। कंपनी इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट बनाने का काम करती है और 70 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाती है। कंपनी एसी मोटर, जनरेटर, डीजी सेट्स, डीसी मोटर बनाती है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, स्विचगियर ट्रांसफार्मर्स भी बनाती है। कंपनी के 9 प्लांट और 34 सेल्स ऑफिस हैं। कंपनी भारत के अलावा कुवैत, नीदरलैंड, ओमान जैसे देशों को एक्सपोर्ट करती है। अबतक कंपनी ने 30 लाख मोटर्स सप्लाई की हैं। कंपनी का 295 Cr का मार्केट कैप है।
कंपनी ने अगस्त 2008 में जर्मनी की एलडीडब्ल्यू का अधिग्रहण किया था। एलडीडब्ल्यू की 300 करोड़ रुपये की आय पर कंपनी अच्छा मुनाफा कमाती थी, लेकिन सितंबर 2008 से मंदी आई। वित्त वर्ष 2017 में कंपनी की आय में पावर इक्विपमेंट से 55 फीसदी और बिजली मोटर से 42 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली है। दोनों सेगमेंट मुनाफे में रहे हैं।
वित्त वर्ष 2016 में कंपनी का कुल कर्ज 320 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2017 में घटकर 248 करोड़ रुपये हुआ है। कंपनी के पास अभी 22 करोड़ की नकदी है और करीब 226 करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है। वित्त वर्ष 2017 में कंपनी के सेल्य का बकाया 178 करोड़ रुपये है और एसेट 390 करोड़ रुपये की है।
पिछले साल कंपनी ने 46 रुपये पर क्यूआईपी किया था और इस के जरिए करीब 37 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस रकम का इस्तेमाल कंपनी अपना कर्ज घटाने में करेगी। हुबली एयरपोर्ट के पास कंपनी की 100 एकड़ जमीन है और मैसूर, पुणे और मुंबई में भी प्रॉपर्टी है।
आज का जैकपॉट शेयर : किर्लोस्कर इलेक्ट्रिक
कंपनी का गठन 1946 में हुआ था। कंपनी इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट बनाने का काम करती है और 70 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाती है। कंपनी एसी मोटर, जनरेटर, डीजी सेट्स, डीसी मोटर बनाती है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, स्विचगियर ट्रांसफार्मर्स भी बनाती है। कंपनी के 9 प्लांट और 34 सेल्स ऑफिस हैं। कंपनी भारत के अलावा कुवैत, नीदरलैंड, ओमान जैसे देशों को एक्सपोर्ट करती है। अबतक कंपनी ने 30 लाख मोटर्स सप्लाई की हैं। कंपनी का 295 Cr का मार्केट कैप है।
कंपनी ने अगस्त 2008 में जर्मनी की एलडीडब्ल्यू का अधिग्रहण किया था। एलडीडब्ल्यू की 300 करोड़ रुपये की आय पर कंपनी अच्छा मुनाफा कमाती थी, लेकिन सितंबर 2008 से मंदी आई। वित्त वर्ष 2017 में कंपनी की आय में पावर इक्विपमेंट से 55 फीसदी और बिजली मोटर से 42 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली है। दोनों सेगमेंट मुनाफे में रहे हैं।
वित्त वर्ष 2016 में कंपनी का कुल कर्ज 320 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2017 में घटकर 248 करोड़ रुपये हुआ है। कंपनी के पास अभी 22 करोड़ की नकदी है और करीब 226 करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है। वित्त वर्ष 2017 में कंपनी के सेल्य का बकाया 178 करोड़ रुपये है और एसेट 390 करोड़ रुपये की है।
पिछले साल कंपनी ने 46 रुपये पर क्यूआईपी किया था और इस के जरिए करीब 37 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस रकम का इस्तेमाल कंपनी अपना कर्ज घटाने में करेगी। हुबली एयरपोर्ट के पास कंपनी की 100 एकड़ जमीन है और मैसूर, पुणे और मुंबई में भी प्रॉपर्टी है।
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