8 फरवरी को आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी आने वाली है। ज्यादातर ब्रोकरेज
हाउसेज और बैंकों को उम्मीद है कि आरबीआई 0.25 फीसदी दरें घटा सकता है।
सीएनबीसी-आवाज़ बैंकर्स पोल में शामिल 70 लोगों का मानना है कि 8 फरवरी को आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी में दरों में 0.25 फीसदी कटौती हो सकती है। वहीं 30 लोगों का मानना है कि दरों में कोई कटौती नहीं होगी।
सीएनबीसी-आवाज़ के इस पोल में शामिल 80 लोगों का मानना है कि इस साल दरों में 0.25 फीसदी कटौती होगी जबकि 20 फीसदी का मानना है कि इस साल दरों में 0.50 फीसदी कटौती होगी।
इस पोल में शामिल 37 फीसदी लोगों का मानना है कि आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता फेड दरों में बढ़त है। जबकि 37 फीसदी लोगों का मानना है कि आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता क्रूड में तेजी है। वहीं 26 फीसदी लोगों का मानना है कि आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता महंगाई है।
इधर बैंकों ने साफ साफ कहा है कि ग्राहकों के लिए कर्ज की दरें पहले ही कम हो गई हैं। इसलिए अब ज्यादा कटौती की उम्मीदें ना रखी जाएं।
सीएनबीसी-आवाज़ बैंकर्स पोल में शामिल 70 लोगों का मानना है कि 8 फरवरी को आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी में दरों में 0.25 फीसदी कटौती हो सकती है। वहीं 30 लोगों का मानना है कि दरों में कोई कटौती नहीं होगी।
सीएनबीसी-आवाज़ के इस पोल में शामिल 80 लोगों का मानना है कि इस साल दरों में 0.25 फीसदी कटौती होगी जबकि 20 फीसदी का मानना है कि इस साल दरों में 0.50 फीसदी कटौती होगी।
इस पोल में शामिल 37 फीसदी लोगों का मानना है कि आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता फेड दरों में बढ़त है। जबकि 37 फीसदी लोगों का मानना है कि आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता क्रूड में तेजी है। वहीं 26 फीसदी लोगों का मानना है कि आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता महंगाई है।
इधर बैंकों ने साफ साफ कहा है कि ग्राहकों के लिए कर्ज की दरें पहले ही कम हो गई हैं। इसलिए अब ज्यादा कटौती की उम्मीदें ना रखी जाएं।
No comments:
Post a Comment